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lekahak biodata

बायोडाटा 




नाम -  लोकेश गुलयानी 
जन्मतिथि - 23.08.1978 
स्थायी पता - ए-180, जे.डी.ए. स्टाफ कॉलोनी, टीलावाला, हल्दीघाटी मार्ग, जयपुर - 302017 
मोबाइल - 98280 66335 
ईमेल - lokesh.gulyani@yahoo.in 


शैक्षणिक योग्यता:

  • समाजशास्त्र से स्नातकोत्तर, 2001.
  • जनसंचार एवं पत्रकारिता से स्नातकोत्तर, 2004.
  • पी.जी. डिप्लोमा इन एडवरटाइजिंग एंड पब्लिक रिलेशन्स, 2003.   
  • PGDBA सिम्बायोसिस पुणे 2010. 

कार्यानुभव:
  • लगभग 23 वर्षों से देश के प्रसिद्ध टीवी एवं रेडियो चैनल्स हेतु प्रोग्रामिंग तथा वर्तमान में सरकारी परियोजनाओं में बतौर जनसम्पर्क-सलाहकार सेवाएं दे रहे हैं। 
प्रकाशित पुस्तकें:
  • १) जे  - कश्यप प्रकाशन - 2015, (हिंदी उपन्यास)

    २) बोध - हिन्द युग्म  - 2018, (हिंदी उपन्यास)  

    ३) ज़हनी अय्याशी - कश्यप प्रकाशन - 2018 (कविता संग्रह)

    ४) हम प्रेम में हैं - श्रीजा प्रकाशन - 2019, 2024  (कहानी संग्रह)

    ५) यू ब्लडी शिट पंजाबी - हिन्द युग्म - 2020 (कहानी संग्रह)   
          ६) हिम्मत की लाली - रेडग्रैब बुक्स, 2021 (उपन्यास)
        
           ७) लड़कियाँ होंगी  - श्रीजा प्रकाशन, 2023, 2024 (कहानी संग्रह)

          ८)  मोहिनी - श्रीजा प्रकाशन, 2025 (उपन्यास)
            
           ९) ऑक्सफ़ोर्ड युनिवर्सिटी प्रेस के लिए कक्षा 3 से 5 के लिए कहानियों का लेखन 2024-25 


साहित्य सम्मेलनों में उपस्थिति:

१) भोपाल लिटरेचर फेस्टिवल 2020, में पुरुस्कृत कहानी 'हेनन और मैं' का वाचन। 

२) जयपुर लिटरेचर फ़ेस्टिवल 2020, में कहानी एवं काव्य पाठ। 

३)  हिन्दयुग्म प्रकाशन 'युग्म उत्सव' बाड़मेर 2022, वाराणसी 2023, भोपाल 2024, रायपुर 2025 में बतौर वक्ता, मॉडरेटर एवं लेखक के रूप में उपस्थिति। 

४) मेरठ अंतर्राष्ट्रीय साहित्य उत्सव 2023 में आइकोनिक ऑथर के रूप में सम्मान एवं कथा वाचन।

५) Author's Session, Pick a Book - जयपुर अध्याय द्वारा आयोजित, अप्रैल 2024। 

६) 'क्षितिज - लघु कथा अखिल भारतीय सम्मलेन-इंदौर, 2023 में लघु कथा वाचन एवं सहभागिता पुरूस्कार। 

७) 'यूनिटी इन डाइवर्सिटी वेयर लिटरेचर मीट्स आर्ट' आयोजक-The Speaking Tree Book Club-अहमदाबाद, जनवरी 2024। 

८ ) कथावाचन एवं वक्तव्य "हमसे कहानियां, कहानियों से हम" रवीन्द्रनाथ टैगोर यूनिवर्सिटी, भोपाल, फ़रवरी 2024।  

९) मेराकी मार्च 2024, IIS डीम्ड यूनिवर्सिटी जयपुर द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वक्तव्य एवं काव्यपाठ। 

१०) 'वर्ल्ड बुक डे'-अप्रैल 2024, आयोजक नुक्कड़ कैफ़े पुणे में रचनापाठ एवं वक्तव्य। 

११) मेरठ अंतर्राष्ट्रीय साहित्य उत्सव 2024 में पुस्तक विमोचन एवं डॉ. आशा आनंद साहित्य सम्मान। 

१२) ऑक्सफ़ोर्ड युनिवर्सिटी प्रेस के लिए कक्षा 3 से 5 के लिए 18 कहानियों का लेखन जुलाई 2024।

१३) पुस्तक 'हम प्रेम में हैं' पर चर्चा एवं कहानी पाठ अक्टूबर 2024, आयोजक क्लब लिटराटी भोपाल। 

१४) 'एक शाम अदब के नाम' संस्था बा-ज़ौक़ भोपाल द्वारा आयोजित मुशायरा।  

१५) कई इ-पत्रिकाओं में समय-समय पर लघु-कथाओं का प्रकाशन एवं यूट्यूब पर चार गाने पब्लिश्ड।  

१६) रचना पाठ व संवाद, दुष्यंत संग्रहालय जनवरी 2025, वनमाली सृजन केंद्र, भोपाल का आयोजन। 

१७) पैनल मॉडरेटर (सेण्टर स्टेज) इंडिमून आर्ट फेस्टिवल-मार्च 2025, रविंद्र भवन, भोपाल। 

१८) प्रयास 4, रंगलोक पेंटिंग & बुक्स एक्सिबिशन में वक्तव्य एवं स्टोरीटेलिंग, अप्रैल 2025, पठानकोट। 

१९) विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित 'अनीता प्रभाकर स्मृति कहानी प्रतियोगिता 2024' में कहानी 'पूरे दिन नीलू-नीलू' को सांत्वना पुरस्कार, साहित्य अकादमी, नई दिल्ली, अप्रैल 2025।

२०) "Beyond the Bookshelf" एस्थटिक्स इंटरनेशनल संस्था द्वारा आयोजित, स्टोरीटेलिंग एवं वक्तव्य, जुलाई 2025, मेरठ। 

ऑडियो बुक:

१) पहले उपन्यास 'जे' का ऑडियो बुक में रूपांतरण, दिसंबर 2019 से पॉकेट ऍफ़एम पर उपलब्ध।
२) दूसरे उपन्यास 'बोध' का ऑडियो बुक संस्करण, मार्च 2021 से अमेज़न ऑडिबल पर उपलब्ध। 

साहित्यिक पुरस्कार:

१)  कहानी 'हेनन और मैं' को भोपाल साहित्य उत्सव में सर्वश्रेष्ठ कहानी पुरस्कार। 
२) 'मुंशी प्रेमचंद साहित्य पुरस्कार 2023, 'Aesthetics International' मेरठ द्वारा प्रदान किया गया।  
३) डॉ. आशा आनंद साहित्य पुरस्कार 2024, 'Aesthetics International' मेरठ द्वारा प्रदान किया गया। 
४) 'अनीता प्रभाकर स्मृति कहानी प्रतियोगिता 2024' सांत्वना पुरस्कार, विष्णु प्रभाकर संसथान द्वारा, दिल्ली।

साहित्यिक संस्थाओं से सम्बद्धता:

१) क्लब लिटेराती, भोपाल, 2021 से सदस्य। 

२) दुष्यंत कुमार पाण्डुलिपि संग्रहालय, भोपाल, 2024 से सदस्य। 

३) बा-ज़ौक़ भोपाल, 2023 से कार्यकारिणी सदस्य। 

४) RIC-Jaipur से जीवन पर्यन्त सदस्यता।  





भवदीय

लोकेश गुलयानी,
जयपुर / दिल्ली 
98280 66335
lokesh.gulyani@yahoo.in  




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होने नहीं देती

इक तड़प है जो सोने नहीं देती  ये दुनियाँ बेरहम रोने नहीं देती मैं चलता चला गली दर गली  मंज़िल है कि खोने नहीं देती  बहुत बार लगा कि कह दें सब  ग़ैरत है के मुँह खोलने नहीं देती  हम भी कभी हसीं थे  हसीं बना रहूं ये उम्र होने नहीं देती  भरा पेट नफ़रत ही बोता है  भूख़ प्रेम कम होने नहीं देती  नासूर बन गए अब ज़ख्म  फ़ितरत अच्छा होने नहीं देती   

आगे

बढ़ गया हूँ आगे, फिर पीछे कौन खड़ा है।  अड़ गया है साया, इसका क़द मुझसे बड़ा है।। इंसान हो, तो इंसान की तरह पेश आओ।  ये क्या कि अब वो गया, अब ये गया है।। सूरज डूबता है फिर उगने को, पता है ना।  लगता है बस आज (आज ) ही ये भूल गया है।। आज़ाद हो तो साँस लेकर दिखाओ।  क्या मतलब कि सीने पर बोझ पड़ गया है ।। तुम किसको पूछने आये बतलाओ।  वो जिसको ज़माना कब का भूल गया है।।

अब तलक वो - ग़ज़ल

अब तलक वो हमें याद करते हैं, थोड़ा-थोड़ा बर्बाद करते हैं।। काफ़िला तो गुज़र गया यारों, मुसाफ़िरों को याद करते हैं।। मंज़रे सहरा तब उभर आया, जब वो बारिश की बात करते हैं।। इंसा-इंसा को भी क्या देगा, क्यों हम उनसे फ़रियाद करते हैं।।  ज़िल्लतें जिनकी ख़ातिर पी हमने, वही हमसे किनारा करते हैं।। थका-हारा दिल आख़िर टूट गया, क्यों अब उससे कोई आस रखते हैं।।