मैं बहुतों के ख्यालों में हूँ। 
ताज़ा ख़बर हूँ, सवालों में हूँ।।
ऊँगली उठाते है वो बार-बार। 
जाने क्यूँ इशारों में हूँ ।।
किसी की क्या बिसात ख़ुदा के सामने। 
ये क्या कह दिया जो तालों में हूँ।।
हुनर है तो मशहूर होना लाज़मी है। 
नहीं जानता, फिर क्यूँ ख़ारों में  हूँ।। 
Comments
Post a Comment