अब्र से कब्र तक रास्ता रखते है।
कुछ लोग इस क़द्र वास्ता रखते है ।।
ख़ुद रोते नहीं।
हम रो दे, तो हौंसला तैयार रखते है ।।
खड़े रहते है साथ, हाथों में हाथ ।
ऐसे गीले जज़्बात रखते है ।।
पुरज़ोर कोशिशें रहीं बिखेरने की हमें।
वो हर वार नाक़ाम करने का हथियार रखते है ।।
ना डिगे थे, ना डिगेंगे तुमसे।
के हम ऐसे यार रखते है ।।
कुछ लोग इस क़द्र वास्ता रखते है ।।
ख़ुद रोते नहीं।
हम रो दे, तो हौंसला तैयार रखते है ।।
खड़े रहते है साथ, हाथों में हाथ ।
ऐसे गीले जज़्बात रखते है ।।
पुरज़ोर कोशिशें रहीं बिखेरने की हमें।
वो हर वार नाक़ाम करने का हथियार रखते है ।।
ना डिगे थे, ना डिगेंगे तुमसे।
के हम ऐसे यार रखते है ।।
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