कब कहा था तुमने, मुझे क्या करना है?
रुकना है, चलना है, गिरना है, सम्भलना है।।
मशगूल हुए तुम, हो हमसे बेख़बर।
कहाँ याद हो, किस-किस से मिलना है।।
तुम्हें मुस्कुराता देखने की कोशिश में।
आँसूं भूल गए, कब-कब निकलना है।।
तोहमत कहते है, हमारे इश्क़ को अब।
वक़्त था, जब इसे मिसाल लेके चलना है।।
रुकना है, चलना है, गिरना है, सम्भलना है।।
मशगूल हुए तुम, हो हमसे बेख़बर।
कहाँ याद हो, किस-किस से मिलना है।।
तुम्हें मुस्कुराता देखने की कोशिश में।
आँसूं भूल गए, कब-कब निकलना है।।
तोहमत कहते है, हमारे इश्क़ को अब।
वक़्त था, जब इसे मिसाल लेके चलना है।।
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