वो तपते सहरा में इठला कर चलती है।
दिल हूँक लेता है जब बात निकलती है ।।
चुराऊँ नज़रें या बेपर्दा हो जाऊँ।
हालत एक सी मचलती है।।
आये तो शोर जाए तो शोर।
मुट्ठी में हुड़दंग का ज़ोर रखती है ।।
दौड़ो वरना चली जाएगी।
के वक़्त सी फिसलती है ।।
दिल हूँक लेता है जब बात निकलती है ।।
चुराऊँ नज़रें या बेपर्दा हो जाऊँ।
हालत एक सी मचलती है।।
आये तो शोर जाए तो शोर।
मुट्ठी में हुड़दंग का ज़ोर रखती है ।।
दौड़ो वरना चली जाएगी।
के वक़्त सी फिसलती है ।।
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