अंधेरा होना था, हुआ सो हुआ
सपना सलोना था, हुआ सो हुआ
आइना न तोड़िये, चेहरे को देखकर
दिल को रोना था, हुआ सो हुआ
कौन पूछेगा हाल, अब तेरे बाद
तुझको ही खोना था, हुआ सो हुआ
मरासिम न रहे, तो न सही
सलाम होना था, हुआ सो हुआ
Fitoor....jo kagaz pe utar aata hai...
Love it. Shandaar.
ReplyDeleteऐसा नहीं होता भाई
ReplyDeleteOk Bhai!
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