बढ़ गया हूँ आगे, फिर पीछे कौन खड़ा है।
अड़ गया है साया, इसका कद मुझसे बड़ा है।।
इंसान हो, तो इंसान की तरह पेश आओ।
ये क्या कि अब वो गया, अब ये गया है।।
सूरज डूबता है उगने को फिर, पता है ना।
लगता बस आज (आज ) ही ये भूल गया है।।
आज़ाद हो तो साँस लेकर दिखाओ।
क्या मतलब कि सीने पर बोझ बड़ा है ।।
बहुत ख़ूब
ReplyDeleteThanks Meenakshi :)
DeleteLovely bhi
ReplyDeleteThank you
Deleteवाह, बहुत ख़ूब 👍🌹
ReplyDeleteThank you
Deleteक्या बात है…!
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