अंधेरा होना था, हुआ सो हुआ सपना सलोना था, हुआ सो हुआ आइना न तोड़िये, चेहरे को देखकर दिल को रोना था, हुआ सो हुआ कौन पूछेगा हाल, अब तेरे बाद तुझको ही खोना था, हुआ सो हुआ मरासिम न रहे, तो न सही सलाम होना था, हुआ सो हुआ
Fitoor....jo kagaz pe utar aata hai...