Skip to main content

Kya Mera Aana Zaruri Hai...!



Kya mera aana zaroori hai !
Tumhari shaadi main gaana zaroori hai !!

Main janta hoon ki acha gaata hoon main !
Par kya uski saza pana zaroori hai !!

Jo pal humne saath bitaye hase-khele, naache gayee !
Unka hisaab chukana zaroori hai !!

Woh din sone ke they chandi ki thee raate !
Kya yaad dilana zaroori hai !!

Mere dilo-dimaag par chayee thee sirf tum !
Kya batana zaroori hai !!

Main tumhe ab bhi aas-paas mehsoos kar sakta hoon !
Kya ahsas dilana zaroori hai !!

Til-til karke mar raha hoon main !
Kya jagmagana zaroori hai !!

Main janta hoon ki tum bhi mujhe chahti ho !
Kya jatana zaroori hai !!

Aaj shaadi hai tumhari....

Kya mera aana zaroori hai !
Tumhari shaadi main gaana zaroori hai !!

Comments

Popular posts from this blog

आगे

बढ़ गया हूँ आगे, फिर पीछे कौन खड़ा है।  अड़ गया है साया, इसका क़द मुझसे बड़ा है।। इंसान हो, तो इंसान की तरह पेश आओ।  ये क्या कि अब वो गया, अब ये गया है।। सूरज डूबता है फिर उगने को, पता है ना।  लगता है बस आज (आज ) ही ये भूल गया है।। आज़ाद हो तो साँस लेकर दिखाओ।  क्या मतलब कि सीने पर बोझ पड़ गया है ।। तुम किसको पूछने आये बतलाओ।  वो जिसको ज़माना कब का भूल गया है।।

हुआ सो हुआ

अंधेरा होना था, हुआ सो हुआ  सपना सलोना था, हुआ सो हुआ  आइना न तोड़िये, चेहरे को देखकर  दिल को रोना था, हुआ सो हुआ  कौन पूछेगा हाल, अब तेरे बाद  तुझको ही खोना था, हुआ सो हुआ  मरासिम न रहे, तो न सही  सलाम होना था, हुआ सो हुआ 

होने नहीं देती

इक तड़प है जो सोने नहीं देती  ये दुनियाँ बेरहम रोने नहीं देती मैं चलता चला गली दर गली  मंज़िल है कि खोने नहीं देती  बहुत बार लगा कि कह दें सब  ग़ैरत है के मुँह खोलने नहीं देती  हम भी कभी हसीं थे  हसीं रहूं ये उम्र होने नहीं देती  भरा पेट नफ़रत ही बोता है  भूख़ प्रेम कम होने नहीं देती  नासूर बन गए अब ज़ख्म  फ़ितरत हमें अच्छा होने नहीं देती