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Showing posts from July, 2024

ज़िंदगी का साज़

ज़िंदगी ने गीत गाया, हमने सुना नहीं।  हमने साज़ बजाया, जिंदगी बेताला हंसी। दूर कहीं पर, एक फूल खिला। उसने खुशबू बिखेरी, हमने अनदेखा किया। हम हमेशा भटकते रहे, थकने से इंकार किया। आसमां तकते रहे, और चमत्कार हमारे पीछे होते रहे।