लिखते रहो तुमने कहा था, जाने क्या सोच कहा था.. चलते रहो तुमने चाहा था, जाने क्या सोच चाहा था । ढूंढते रहो तुमने कहा था, जाने क्या ढूंढना था.… घूमते रहो तुमने कहा था, जाने कहा घूमना था.. ! साथ रहेंगे तुमने मनाया था, जाने क्यू मनाया था.. सम्भलते रहो तुमने समझाया था, जाने क्यू समझाया था.। हौले से तुमने पुकारा था, जाने क्यू पुकारा था.. मेरे हो तुमने आज़माया था, जाने क्यू आज़माया था।
Fitoor....jo kagaz pe utar aata hai...